मऊरानीपुर। स्कूल बंद, मंदिर और मस्जिद भी बंद, लेकिन सुरक्षा करने वालों की कोई सुरक्षा नहीं। भला ऐसा क्यों किया जा रहा है। यह सवाल हर वह व्यक्ति की मायूसी पूछ रही है जो हमारी रक्षा करता है।
जानकारी के अनुसार नोवेल कोरोना वायरस की आपदा से निपटने के लिए स्कूल काॅलेजों के साथ ज्यादातर सार्वजनिक स्थान बंद कर दिए गए हैं। लेकिन जिन पर सुरक्षा की जिम्मेदारी है उनकी तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं गया। सुबह से लेकर शाम तक और शाम से लेकर फिर सुबह तक पुलिस हमेशा हमारी और आपकी सुरक्षा में लगी रहती है। एक पुलिस कर्मी लोगों की सुरक्षा के लिए कभी किसी चैराहे पर खड़ा होकर ड्यूटी करता है तो कभी सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाले इलाके में दौड़ भाग करके। सरकार ने कोरोना से सुरक्षित करने के लिए सभी को सुरक्षा के लिए जागरुक होने को कहा है, लेकिन पुलिस विभाग के लिए सरकार द्वारा अभी तक कोई पहल नहीं की गई।जबकि पुलिस दिन रात लोगो की सुरक्षा के लिए जान जोखिम में डाल कर जनता की सुरक्षा में तैनात लगी रहती है। कोरोना वायरस जितना आम जनता के लिए खतरनाक है। उतना ही पुलिस के जवानों के लिए।अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिन के कंधों पर लोगो की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। उनकी सुरक्षा कैसे हो इस कोरोना बायरस से जब इस संबंध में झांसी के पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राहुल मिठास से जानकारी ली। तो उन्होंने कहा कि पुलिस के जवानों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना वायरस से बचने के लिए पर्याप्त सुविधा मुहैया कराई जा रही है और जल्द ही पुलिस के जवानों को कोरोना वायरस से निपटने के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हमारी ओर भी देखिए, हमें भी सता रहा है कोरोना वायरस का डर