महोबा । कोरोना वायरस का असर यातायात गतिविधियों पर भी पड़ा है, उत्तर मध्य रेलवे की महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन महोबा जंक्शन में बीते 10 दिनों के भीतर रेल टिकटों की बिक्री में कमी आयी है, स्टेशन में भी अब पहले जैसी भीड़ नजर नही आ रही है, लोग बेहद जरूरी काम होने पर ही यात्रा को निकल रहे है, कभी टिकट लेने के लिये मारामारी का शिकार होते रहे मुसाफिरों को अब टिकट खिड़की से आसानी के साथ गंतव्य का टिकट हासिल हो रहा है।
बीते 10 सालों के भीतर महोबा रेलवे स्टेशन ने अमूल, चूल बदलाव देखा है और उसका विस्तार हुआ है, महोबा जंक्शन रेलवे स्टेशन को इसका लाभ अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल खजुराहों से रेलवे मानचित्र पर आने के कारण मिला है, और उसी के चलते महोबा रेलवे स्टेशन को जंक्शन का दर्जा प्राप्त हुआ है। अनेक रेल गाड़ियां महोबा से होकर ही खजुराहों आ-जा रही है, यही वजह है कि बीते कोई एक दशक के भीतर महोबा रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली गाड़ियों में वृद्धि हुयी है। तमाम रेलगाड़ियां खजुराहों के कारण महोबा रेलवे स्टेशन से होकर गुजरने लगी है।
इधर कोरोना वायरस को लेकर कोहराम मचा हुआ है और इसका असर हर क्षेत्र में दिखाई पड़ रहा है, आर्थिक स्थितियां डावां डोल हो रही है। कारोबार का कचूमर निकल पड़ा है, तो यातायात गतिविधियां भी प्रभावित होने से नही रह पायी है।
रेलवे नेटवर्क भी इससे प्रभावित हुआ है, महोबा जंक्शन में कोरोना वायरस के प्रभाव में आने से पहले जहां रेलवे टिकट खिड़की से टिकट पाने के लिये भीड़ लगी रहती थी अब वह खाली दिखाई पड़ती है और इससे रेलवे टिकट की बिक्री सिमटी है। परिसर पर भी मुसाफिरांे की अब भीड़ निरंतर कम हो रही है, लोग जरूरी काम होने पर ही यात्रा को निकल रहे है। इससे इस काम से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े लोगों के कारोबार भी प्रभावित हुये है।
एक नजर महोबा रेलवे स्टेशन के बीते 10 दिनों के टिकट बिक्री पर, यह आंकड़ा टिकट बिक्री का 7 से 17 मार्च तक का है।
1- 7 मार्च को टिकट बिक्री- 3511
2- 8 मार्च को टिकट बिक्री-3770
3- 9 मार्च को टिकट बिक्री-2922
4-10 मार्च को टिकट बिक्री-1521
5-11 मार्च को टिकट बिक्री-1736
6-12 मार्च को टिकट बिक्री-4967
7-13 मार्च को टिकट बिक्री-4792
8-14 मार्च को टिकट बिक्री-5122
9-15 मार्च को टिकट बिक्री-4543
10-16 मार्च को टिकट बिक्री-4530
11-17 मार्च को टिकट बिक्री-3504
बस महोबा रेलवे स्टेशन को एक छलांग रह गयी बाकी
बीते एक दहाई में महोबा जंक्शन रेलवे स्टेशन में भारी उछाल हासिल किया है, लेकिन अभी भी वह तीसरे स्थान को हासिल करने में जद्दोजहद कर रहा है। डीआरएम वाणिज्य ने जारी ताजा रेंक में महोबा जंक्शन रेलवे स्टेशन को एनएसजी-4 में स्थान दिया है। लेकिन अभी भी महोबा रेलवे स्टेशन के तीसरे दर्जे का स्थान हासिल करने में भारी दिक्कतों का सामना है, बताया जाता है, कि जिस रेलवे स्टेशन की वार्षिक आय 20 करोड़ या उससे अधिक की होती है वह तीसरे दर्जे का स्टेशन में आ जाता है फिलहाल इस झांसी-मानिकपुर रेल खण्ड में झांसी को छोड़ बांदा रेलवे स्टेशन की रेंक तीसरी है, जबकि महोबा को अभी एक रेंक में उछाल लाना बाकी है, फिलहाल रेलवे स्टेशन में वार्षिक टिकट बिक्री की दर 10 करोड़ के ऊपर जा पहुंची है, गुजरे एक दशक में महोबा रेलवे स्टेशन ने टिकट बिक्री दर में उछाल हासिल किया है।
प्लेटफार्म टिकट की दर हुई पांच गुनी
कोरोना को लेकर रेलवे प्रशासन ने कुछ अहतियाती कदम उठाये है, उन्हीं में से है रेलवे प्लेटफार्म टिकट की दरों में वृद्धि करना, कोराना वायरस के प्रभाव में आने से पहले तक रेलवे प्लेटफार्म टिकट 10 रुपये में बिकता था, लेकिन अब रेलवे प्लेंट फार्म के टिकट के दामों में पांच गुना वृद्धि कर दी है और इसकी कीमत 10 रुपये से बढ़कर 50 रुपये हो गयी है। रेलवे प्रशासन ने प्लेटफार्म की नयी दरों को 18 मार्च से लागू भी कर दिया है 15 अप्रैल तक जारी रहेगी, रेलवे प्रशासन का इसके पीछे तर्क यह है रेलवे स्टेशनों पर अनावश्यक भीड़ को इस बहाने रोका जा सके और यह सब कदम कोरोना को लेकर उठाये जा रहे है।
उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद से पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के छतरपुर जनपद में रोजाना हजारों लीटर दूध की खपत होती थी, लेकिन इधर बीते कोई 10 दिनों से इसकी खपत में बेहद कमी आ गयी है। महोबा से छतरपुर जाने वाले दूध की मांग घट गयी है और वहा इसके क्रेता औने, पौने दामों पर दूध की मांग कर रहे है, बताया जा रहा है कि दूध की मांग पड़ोसी राज्य में इस लिये घट गयी कि वहां से महानगरों को भेजा जाने वाला दूध का कारोबार मंदा पड़ गया है इसी के चलते वहां के कारोबारियों ने दूध लेने से इंकार कर दिया है इससे दूध कारोबार से जुड़े लोगों को भारी झटका लगा है।