बॉलीवुड डेस्क. हाल ही में लैक्मे फैशन वीक का आयोजन हुआ। इस दौरान सितारों ने देश के प्रतिष्ठित डिजाइनर्स द्वारा बनाए गए परिधान पहनकर रैम्प वॉक किया। साल के सबसे प्रमुख फैशन इवेंट से सात फैशन डिजाइनर्स बता रहे हैं कि वे किन बातों को ध्यान में रखकर अपने सेलेब्रिटी शो स्टॉपर्स की और अपने बॉलीवुड के क्लाइंट्स की ड्रेसेज डिजाइन करते हैं। पढ़िए भास्कर रिपोर्टर ज्योति शर्मा की यह रिपोर्ट।
शो स्टॉपर्स क्या कहते हैं खुद की पसंद के फैशन के बारे में
- सानिया मिर्जा
जो ड्रेस मैंने फैशन वीक में पहनी है, वह बहुत ही आरामदायक हो और ऐसी है, जिसे हम कभी भी कितनी भी देर के लिए पहन सकते हंै। सूती कपड़ा है इसका, गर्मी के मौसम के लिए बहुत ही अच्छा है। आजकल के डिजाइनर्स कपड़ों के मामले में बेहतरीन हैं। मेरे लिए फैशन वो है जो पहनने में आरामदायक हो। मेरे पास कुछ ऐसे कपड़े हैं जो बहुत महंगे हैं और अच्छे नहीं लगते पर कुछ ऐसे हैं जिनकी कीमत बहुत कम है लेकिन वो अच्छे लगते हैं। सेलेब्स में मुझे सोनम कपूर व दीपिका का फैशन बहुत पसंद है। मुझे नहीं पता कि वो कपड़े मैं पहन पाऊंगी या नहीं, लेकिन वे प्रयोग करती हैं।
- डायना पेंटी
ये जो शिवेन और नरेश की ड्रेस मैंने शो स्टॉपर के तौर पर यहां पहनी है, इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि ये बहुत ही हल्की है, लेकिन फिर भी खूबसूरत और बेहतरीन है। जब आपको किसी अवसर या मौके पर लहंगा पहनना होता है तो ऐसी हल्की और प्यारी ड्रेस हो तो बेस्ट है। मेरे लिए फैशन वो है जिससे आपकी अभिव्यक्ति झलके। फिट जींस की जोड़ी और और सफ़ेद शर्ट मुझे बहुत पसंद है। मैं जब छोटी थी तो उस वक्त ढीले कपड़े पहनने का फैशन था। वैसा मैं अब नहीं करूंगी।
- दीया मिर्जा
मुझे लगता है कि जब भी हम अपने देश की कारीगरी से जुड़ा हुआ कोई फैशन कैरी करते हैं तो बहुत अच्छा लगता है। जब हम हाउस ऑफ़ कोटवाड़ा की चिकनकारी की बात करते हैं तो हम कोठवाड़ा गांव की औरतों की बात करते हैं, उनके सशक्तिकरण की बात करते हैं। उनके हाथ से बुना हुआ चिकन का काम पहनना बहुत अच्छा लगा। मैं सलवार-कुर्ते, जींस, टीशर्ट, साड़ियां पहनती हूं। जैसा मेरा मन होता है वैसे कपड़े पहनती हूं, जिसमें मुझे आरामदायक और अच्छा फील हो।
लैक्मे फैशन वीक में शामिल डिजाइनर्स
शिवेन नरेश
सेलेब्स के लिए मेरा कलेक्शन कोरिया के सिओल से प्रेरित है। हम अपने दोस्त की जन्मदिन की पार्टी के लिए वहां गए थे। वहां पहुंचते ही लगा कि ये एक अलग ही दुनिया है। ऐसा कुछ देखा ही नहीं था हमने। रंगों के लिए उनका जूनून, मेकअप और सुंदरता को जोड़ने वाला वातावरण देखते हैं तो बतौर डिजाइनर आप बहु प्रेरित होते हैं। यहीं से शुरुवात हुई हमारे कलेक्शन की। मेरे शो की शो स्टॉपर डायना की जो ड्रेस है वो दरअसल हमारे देश की शादियों पर बेस्ड है। उसके लहंगे को हमने शादियों में प्रचलित लहंगे से बिल्कुल अलग बनाया है। इसकी बनावट अलग है और मटेरियल वेलवेट ट्रेल हैं जो जलरोधक हैं और नमी से बचाता है। जो कढ़ाई और बुनाई की है उसे हम स्किम वर्ब बुलाते हैं। हमने खुद के ब्रांड के लिए ये नाम रखा है। जब आप डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए जाते हैं तो जो दुल्हन है वह बीस किलो का लहंगा नहीं ले जाएगी। उसको हल्की चीज लेकर जानी है और जो खूबसूरत भी लगनी चाहिए। बॉलीवुड से हम किसी एक्ट्रेस के लिए शादी का लहंगा बनाना चाहेंगे तो वह आलिया भट्ट होंगी। वो हमारी ड्रेसेज का ज्यादा बेहतर तरीके से प्रतिनिधित्व कर पाएंगी
गौरांग
सितारों के लिए तैयार किए जाने वाला मेरा कलेक्शन पूरे भारत देश के कपड़ा उद्योग से प्रेरित है। हम उनके लिए ऐसे ही डिजाइन तैयार करते हैं। हमने राजस्थान से कोटा-लहरिया लिया है, गुजरात से पाटन-पटोला है, बांधनी है, महाराष्ट्र से पैठणी है, बॉम्बे से पारसीगरा है, तमिलनाडु से कांजीवरम है, आंध्रप्रदेश से खादी जामदानी है, जिसमें कलमकारी भी है। तेलंगाना और ओडिशा का इक्कत था। उतरप्रदेश से चिकनकारी, मध्यप्रदेश से माहेश्वरी, इसके अलावा बांग्लादेश का ढाकाई जामदानी का भी इस्तेमाल किया है। मेरी शो स्टॉपर तब्बू की ड्रेस की बात करे तो हमने उन्हें कांजीवरम का घाघरा, कांजीवरम का ब्लाउज और पाटन-पटोला की साड़ी पहनाई, जिसे दुपट्टे की तरह पहनाया था। लैक्मे वाले भी हमारे साथ एक अनोखा प्रयोग करना चाह रहे थे। मेरे पूरे ब्लैक एंड व्हाइट कलेक्शन में लैक्मे ने बालों को रंग कर उसे एक नया रूप दे दिया। पिछले साल मैं और तब्बू एक शॉर्ट फिल्म की डबिंग कर रहे थे। तब आयुष्मान ने मुझे कहा था कि तब्बू की आवाज बहुत अच्छी है। मैंने सोचा कि जब भी मैं शो करूंगा तो उसमें शो स्टॉपर तब्बू ही होंगी और वे इसमें अपनी आवाज में कुछ सुनाएंगी। इसलिए हमने उनसे यहां रैंप पर पोयम बुलवाई थी।
मुज्जफर अली
मैंने हमेशा सिर्फ फिल्मों के लिए कपड़े बनाए हैं। मैंने हर एक बारीक़ से बारीक़ जरूरत को समझ कर डिजाइन तैयार किए हैं कि फलां सीन में, फलां गाने में कैसे कपड़े होने चाहिए। मैं दिन-रात, सीन के इमोशन के हिसाब से कपड़े बनता हूं। मेरे मटेरियल डिज़ाइन और मौके के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। हाथ से बना हुआ काम मैं बहुत पसंद करता हूं। प्राकृतिक रंग में रंगा होता है तो उसकी बात ही अलग होती है। मेरी फिल्म उमराव जान की बात करंे तो उस वक्त कोई केमिकल डाय नहीं होती थी। कपड़े हमने प्राकृतिक रंग में रंगे थे। उसकी पूरी परिभाषा ही अलग थी। बॉलीवुड का फैशन हर तरफ जा रहा है। बहुत ही ड्रामेटिक और रिवीलिंग है। बॉलीवुड में बहुत ताकत है लाखों लोग उसके फैशन को अपनाते हैं। लोगों को इसके सितारे बहुत आकर्षित करते हैं। तो मुझे लगता है कि उनका फैशन भी ऐसा हो जो वैल्यूज के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा सके।
ऋतु कुमार
हमारे देश में जो सब्जियों के रंग होते हैं। मैंने ज्यादातर उन्हीं को इस्तेमाल किया है। वो हमेशा हमारे एस्थेटिक के साथ जुड़ते हैं। अपने डिजाइंस के लिए अलग-अलग जगहों से प्रेरणा लेती हूं। एक ही दिन में तो क्रिएट नहीं करते। लम्बा समय लगता है। बॉलीवुड स्टार्स के फैशन की बात करंे तो वो बहुत अलग-अलग होते हैं। सभी का स्टाइल अलग है। कोई एथनिक पहनता है। कोई वेस्टर्न पहनता है तो कोई एक बात नहीं कही जा सकती। अदिति राव हैदरी को जो ड्रेस मैंने पहनाई है यह सिल्क ऑर्गेंजा में बनी हुई है। इस पर खादी का काम है। कठो का काम है और इसकी जो स्टाइलिंग है वह मॉर्डर्न है। उकनी हाई लो ड्रेस ब्लू कलर की थी, जिसके साथ अदिति ने घुटने की लंबाई तक जूते पहने थे। ड्रामेटिक आईलाइनर के साथ खुले बालों के साथ इसे स्टाइल किया गया था।
मनीष अरोरा
स्टार्स के लिए और अन्य सभी के लिए कपड़े डिजाइन करते वक्त मैं मेरी जिंदगी का अनुभव लोगों को दिखाना चाहता हूं। मैं ऐसी थीम के बारे में सोचता हूं जो मैं उस वक्त महसूस कर रहा होता हूं। जो मेरा एक्सपीरियंस है। मेरे कलेक्शन में मैं सबसे ज्यादा रंगों को अहमियत देता हूं। मेरे लिए फैशन का मतलब है कि उन्हें पहनने वाले सेलेब्स के व्यक्तित्व का विस्तार हो। जिस तरह की वे कल्पना करते हैं ऐसे कपड़े उनके लिए डिजाइन किए जाएं।
वैशाली
मेरे हमेशा ध्यान में रहता है कि मैं कपड़े को बिना खराब किए फेब्रिक बचाते हुए उसे पूरी तरह से इस्तेमाल करूं। मैंने कभी फैशन और ट्रेंड को फॉलो नहीं किया है। मुझे लगता है जब हम कुछ बनाना चाहते हैं तो उसे बहुत अलग होना चाहिए। भारत के परिधानों की खूबसूरती को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाना मेरा जुनून है। कपड़ों के मैटेरियल और रंगों के बारे में मेरा मत है कि जो मौसम होता है आप अपने आप उसके हिसाब से सोचने लगते हैं। जब ठंड होती हैं तब हम अलग कपड़े पहनने शुरू कर देते हैं। गर्मियों में अलग। हर मौसम में फूल भी अलग-अलग रंग के खिलते हैं तो हम रंग भी उसी हिसाब से चुनते हैं। मैं प्रकृति से जुड़ी हुई हूं और मेरा काम भी वैसा ही है।
स्वप्निल शिंदे
मैं उन डिजाइनर्स में से हूं जो कपड़े बनाते समय ये नहीं सोचता कि ये किसके लिए हैं। सेलेब्स के लिए या कॉमन मॉडल्स के लिए। मैं एक कलाकार की तरह ज्यादा सोचता हूं, न कि मनोरंजन करने वाले की तरह। मैं कुछ नया बनाने की कोशिश करता हूं। मेरी प्रेरणा लेडीज होती हैं। मैं एक ऐसा डिजाइनर भी हूं जो कलर्स से थोड़ा डरता है। मतलब मुझे रंग बहुत पसंद नहीं हैं। मैं रंगों का इस्तेमाल करने से बचता हूं। लैक्मे फैशन वीक में इस बार भी मैंने ब्लैक एंड व्हाइट का ही मुख्य तौर पर प्रयोग किया। मेरे शो में थोड़ा सा ही नीला रंग देखा गया, अदरवाइज जेंट के लिए मैंने सफेद और काले रंग का इस्तेमाल किया गया था।